Ekta Singh

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लेखनी कहानी -12-Jan-2023


    सिसकती रात (जली कटी सुनाना)   **(भाग--3)***
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निधि और अंजलि अपने-अपने बॉयफ्रेंड के साथ ओयो में पहुँच गई।

फिर चारों ने मिलकर खूब खाना-पीना किया।
फिर दोनों लड़कियाँ अपने अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ कमरो में चली गई।
फिर कुछ घंटे बिताकर रूम से बाहर आई।रात बहुत हो गई थीं।अब सबको घर जाना था।

चारो लोगो ने शराब पी रखी थी।दोनों लड़को को बाइक और दोनों लड़कियों को स्कूटी पे जाना था।सब निकल ही रहे कि निधि और अंजलि में लड़ाई होने लगी।अंजलि नशे की हालत में होने की वजह से ड्रग्स वाली बात सबके समाने करने लगी।दोनों एक दूसरे को "जली कटी सुनाने" लगी।

फिर अंजलि निधि से पैसे मांगने लगी।इसी बात पर दोनों बहस करने लगी।फिर दोनों लड़को ने उनको शांत कराया। कि कल दिन में बात करना।स्कूटी निधि चलाने की जिद करने लगी।पी तो दोनों ने ही रखी थीं।लेकिन अंजलि ने अधिक नही पी थीं क्योंकि उसको इतनी आदत नहीं थीं।

फिर लड़के ने आकर समझाया।फिर दोनों लड़कियां निकल गई।बाद में दोनों लड़के गए।
निधि को भी चलाने में परेशानी हो रही थी।
तभी अचानक•••••• ट्रक से स्कूटी टकराने से 
बची।
फिर अंजलि बोली ये मेरी स्कूटी है तू पीछे जा।

फिर अंजलि स्कूटी चलाने लगी।निधि पीछे बैठ गयी। अब फिर स्कूटी सड़क पर दौड़ने लगी।
क्योंकि अंजलि की माँ का बहुत बार फोन आ गया।अंजलि थोड़ा घबरा रही थी। बस इसी जद्दोजहद अचानक उसकी स्कूटी एक कार से टकरा गई।
निधि स्कूटी से दूर जा गिरी।वो घबरा गई कि ये क्या हुआ???अंजलि कार के  पहिये के नीचे थी। वह दर्द से कराह रही थी।निधि संभलती इतने में तो कार तेज़ी से निकल गई।

कार में बैठे लोगों ने भी शराब जम के पी रखी थी। तेज म्युजिक चला रखा था। उनमें से किसी ने भी एक बार  भी उतर कर चेक नहीं किया।

नया साल माना रहे थे। उसको कैसे खराब करते? कोई मरता है तो मरने दो? नया साल जो मनाना है। 

अंजलि की टांग पहिये में फंस गई थी।अंजलि के कपड़े  फंसते चले गए वो दर्द से कराती रही।उधर कोई भी सुनने वाला नहीं था। 

उधर निधि ने दोस्ती के नाम पर दगाबाजी कर दी।वो  चाहती तो उसी समय फोन कर सकती थी।।लेकिन वह घर मे छुप कर बैठ गई।यहाँ तक की उसने तो स्कूटी भी किसी को बोल कर छुपा दी।

अभी भी कार तेजी से चल रही थीं।किसी को भी एहसास नहीं कि कुछ गडबड है???

रास्तें में जा रहें जोमैटो  वाले ये सब देखा  तो उसने अपने फोन से पुलिस को यह सब बताया। कार का नंबर भी नोट कराया।फिर वह अपने रास्ते निकल लिया।

अंजलि का शरीर घसीटता जा रहा था।

अब कार जोनती गाँव साइड से निकल रहीं थी। लेकिन अब उन लोगों को एहसास हो चुका था कि  कुछ अटका हुआ। पर उन लोगों ने कार नहीं रोकी।

तभी उधर एक दीपक नाम के डेयरी वाले यह सब देखा तो पुलिस को फोन कर सारी वारदात बताई। यहाँ तक कि सारी लोकेशन तक बताई।और कार का पीछा भी किया।

अब तक पुलिस के पास दो लोगो की शिकायत जा चुकी थी।लेकिन हमारी पुलिस की तो नींद ही पूरी नहीं होती। ये हमारे रक्षक है?????

सरकार इनको सारी सुख सुविधा देती है।फिर भी क्यूँ इतनी लापरवाही???

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इस कहानी का अगला (भाग-4 )में पढे। 












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2 Comments

Mahendra Bhatt

13-Jan-2023 10:06 AM

बहुत खूब

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Gunjan Kamal

13-Jan-2023 09:50 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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